खुद के लिए

जीवन यदि किताब है तो,
कुछ पन्ने खुद के लिए भी हों।
कुछ खुशबू हो प्यार की,
कुछ एहसास हों सम्मान के,
कुछ फिक्र हो, कुछ हँसी हो,
कुछ जिक्र हो, जज्बात के।
बेफिक्री हो और परवाह भी हो।