पिता -- जब मै छोटी थी ...
तुम छत थे, जब मैं छोटी थी।
तुम आँगन थे, जब मैं छोटी थी।
वो जहाज कागज का था,
पर बरसातों में चलता था।
बांध हथेली अपनी,
मुट्ठी में जब तेरी उँगली लेती थी,
तब कोहनूर सा ताज था सर पर,
जब मैं छोटी थी।
मैं थी राजकुमारी और तुम राजा थे,
तुम जादू की एक छड़ी थे जब मैं छोटी थी।
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