हारना लाजिम ही था Post author:Garima Post published:02/08/2021 Post category:Uncategorized दौड़ में हारना तो, लाजिम ही है,जो दौड़ सकते हैं उनसे,बैसाखियां बनवा रहे हो।हर शय तुम्हारी मर्जी की पाबंद नहीं,माथे की लकीरों से टकरा रहे हो ।वक्त जब बोलता है तो,हर जर्रे को सुनाई देता है,और तुम चुप्पियों पर,बोलियां लगवा रहे हो। You Might Also Like खुद्दारी 10/09/2021 वक्त 06/09/2022 तुम बदल जाओ जरा 26/05/2022