नारी… Post author:Garima Post published:11/07/2021 Post category:Uncategorized मैं हर जर्रे में हूँ, और मेरा कोई वजूद नही।थोड़ी थोड़ी बंटी हूँ मैं, हर जगह, हर पहर।किसी के दिल, किसी के दिमाग,और किसी की जरूरतों में हूँ मैं।मैं हूँ हर जगह, और कहीं भी नहीँ ।मैं हूँ हर जगह और कहीं भी नहीं ।। You Might Also Like मन नहीं करता 17/04/2021 हर दिन 01/04/2021 उड़ान बाकी है 05/01/2022