जिंदगी की शाम

कायदों में बीतती जिंदगी की शाम हो आयी,

चलो बंजारों की बस्ती से भी नाता जोड़ लेते हैं ।

बहुत कहा, सुना, समझाया, समझा सबको,

चलो अब खुद का नाता खुद से जोड़ लेते हैं ।।