तुम बदल जाओ जरा Post author:Garima Post published:26/05/2022 Post category:Uncategorized तुम बदल जाओ जरा,मान लो कि जैसे,धरती घूमती है खुद ब खुदसूरज ताप देता है औरबारिश की बूदें शीतल होती है स्वयं ही ।बस मान लो और जी लोजरा खुद के लिए ।गाओ खुल के कभी,दौड़ लो जरा हरे मैदानो मेंनाच लो बेपरवाह होके,तुम बदल जाओ जरा,तुम बदल जाओ जरा । You Might Also Like नारी… 11/07/2021 खुद्दारी 10/09/2021 एक बार 21/05/2021