नारी… Post author:Garima Post published:11/07/2021 Post category:Uncategorized मैं हर जर्रे में हूँ, और मेरा कोई वजूद नही।थोड़ी थोड़ी बंटी हूँ मैं, हर जगह, हर पहर।किसी के दिल, किसी के दिमाग,और किसी की जरूरतों में हूँ मैं।मैं हूँ हर जगह, और कहीं भी नहीँ ।मैं हूँ हर जगह और कहीं भी नहीं ।। You Might Also Like खुद्दारी 10/09/2021 अमीरी 14/02/2022 जिंदगी की शाम 13/09/2022