वक्त Post author:Garima Post published:06/09/2022 Post category:Uncategorized सुबह का कुहासा सा है तू,कुछ तिलस्म सातो कुछ जाना पहचाना सा है तू ।वक़्त, तेरे सा कोई नहीं,कभी अपना सातो कभी बेगाना सा है तू ।भरोसा तुझ पे कोई कैसे करे,पल में बाबफा,तो पल में बेबफा सा है तू ।। You Might Also Like एक बार 21/05/2021 पिता 21/02/2021 उड़ान बाकी है 05/01/2022