जिंदगी की शाम
कायदों में बीतती जिंदगी की शाम हो आयी, चलो बंजारों की बस्ती से भी नाता जोड़ लेते हैं । बहुत कहा, सुना, समझाया, समझा सबको, चलो अब खुद का नाता…
कायदों में बीतती जिंदगी की शाम हो आयी, चलो बंजारों की बस्ती से भी नाता जोड़ लेते हैं । बहुत कहा, सुना, समझाया, समझा सबको, चलो अब खुद का नाता…
सुबह का कुहासा सा है तू,कुछ तिलस्म सातो कुछ जाना पहचाना सा है तू ।वक़्त, तेरे सा कोई नहीं,कभी अपना सातो कभी बेगाना सा है तू ।भरोसा तुझ पे कोई…
ए दिल तू तिनका हो जा,क्या पता कब सैलाब, आने वाला हो ।भारी हुआ तो डूब जाएगा,तेरा पत्थर होना न काम आएगा ।ए दिल तू तिनका हो जा ।।
तुम बदल जाओ जरा,मान लो कि जैसे,धरती घूमती है खुद ब खुदसूरज ताप देता है औरबारिश की बूदें शीतल होती है स्वयं ही ।बस मान लो और जी लोजरा खुद…
अमीरी दिल की और दिल से हो,तो अच्छा है ।कोठियों में रहने वालों को,परेशान ही देखा है ।शागिर्दी जो हुनर से कर पाए,तो अच्छा है,अंधेरों में दिया जलाये,इसे ही तो…
पंख खोले हैं, अभी तो उड़ान बाकी है ।हाथों की लकीरों में, अभी तो रंग बाकी हैं।ले ही लेंगे, अपने हिस्से का आसमां हम,अभी तो हौसलों में जान बाकी है…
आँसू अपने खुद ही पोंछे,खुद को ही समझाए हैं।रिश्ते सब अपने हैं,औ लगते सभी पराये हैं।ठोकर लगते ही दूर हुए,औ संभल गए तो साथ आए हैं।आँसू जब आँखों में थे…
ये बेरुखी नहीं, हमारी खुद्दारी है।हो काबिल तुम भी, और हममें भी तजुर्बेकारी है ।साथ चलना, इतना भी तो मुश्किल नहीँ,मान लो गर तरक्की में तुम्हारी,हमारी भी कुछ हिस्सेदारी है।
दौड़ में हारना तो, लाजिम ही है,जो दौड़ सकते हैं उनसे,बैसाखियां बनवा रहे हो।हर शय तुम्हारी मर्जी की पाबंद नहीं,माथे की लकीरों से टकरा रहे हो ।वक्त जब बोलता है…
मैं हर जर्रे में हूँ, और मेरा कोई वजूद नही।थोड़ी थोड़ी बंटी हूँ मैं, हर जगह, हर पहर।किसी के दिल, किसी के दिमाग,और किसी की जरूरतों में हूँ मैं।मैं हूँ…